दीपक मिश्रा
हरिद्वार, 28 जून। भारतीय सेना में भर्ती होकर देश की सेवा करने का जुनून हर युवा में होता है। लेकिन यह अवसर सबको को नहीं मिलता। जिसे मिलता है वह स्वंय को किस्मतवाला मानता है। वहीं, कुछ ऐसे परिवार भी है जिनमें भारतीय सेना में भर्ती होने की परंपरा पीढ़ी दर पीढ़ी चली आ रही है। शास्त्रीनगर, ज्वालापुर निवासी पूर्व सैनिक हवलदार पदम बहादुर बम का पोता यश्विन ठकुरी का चयन भारतीय सेना मेे ओटीए (आफिसर्स ट्रेनिंग अकादमी) मे हुआ है और आगामी 1 जुलाई से गया (बिहार) में प्रशिक्षण प्रारंभ हो जायेगा। भारतीय सेना की वर्दी पहनने वाला यश्विन बम ठकुरी ‘बम’ परिवार की तीसरी पीढ़ी के सदस्य है। उसकी यह उपलब्धि मात्र परिवार के लिये ही नहीं अपितु हरिद्वार के लिये भी बड़े ही फक्र की बात है। जैसे ही यश्विन का ओटीए से काल लेटर आया परिवार में खुशी की लहर दौड़ गयी और परिवार के सदस्यों व मित्रगणों ने एक-दूसरे को बधाई व शुभकामाएं दी।
1 जुलाई से प्रारंभ होने वाले ओटीए प्रशिक्षण में जाने से पूर्व देर रात्रि शास्त्रीनगर स्थित अपने दादाजी हवलदार पदम बहादुर बम एवं परिवार के वरिष्ठ सदस्यों से आशीर्वाद लेने पहुंचे यश्विन बम का सदस्यों ने आतीशबाजी, पुष्प गुच्छा देने के साथ ही खादा पहनाकर स्वागत किया।
ज्ञात रहे कि इससे पूर्व यश्विन के तीन दादाजी भारतीय सेना में रह चुके हैं जिन्होंने सन् 1961, 1962, 1965, 1971 के युद्ध भागीदारी निभाई। वहीं यश्विन के पिता गणेश बहादुर व चाचा भीम बहादुर दोनों ही भारतीय वायु सेना में सेवारत रह चुके हैं तथा दोनों ने कारगिल युद्ध में भी हिस्सा लिया।
यश्विन ठकुरी के दादाजी और पूर्व सैनिक पदम बहादुर जिन्होंने भारतीय सेना में 24 वर्ष सेवाएं दी, ने बताया कि परिवार की दिली तमन्ना थी कि परिवार की सैन्य परंपरा बनी रहे। यश्विन उसी परंपरा का निर्वहन करते हुये भारतीय सेना का हिस्सा बन गया है। यश्विन ने दसवी 95 प्रतिशत एवं इंटर की परीक्षा 86 प्रतिशत अंको के साथ उत्तीर्ण की। उसने गत वर्ष ही देहरादून स्थित ग्राफिक ऐरा कालेज में बी-टेक प्रथम वर्ष में प्रवेश लिया था।
इससे पूर्व यश्विन एनडीए की लिखित प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण करने के साथ ही एसएसबी के अंतिम चरण में असफल हो गया था। यश्विन के पिता गणेश बहादुर की इंटर तक की शिक्षा के-वी-1, बीएचईएल, रानीपुर हरिद्वार में ही हुई है। इंटर करने के बाद उसका भारतीय वायु सेना में बतौर एयरमैन (तकनीकी) में चयन हुआ। लगभग 20 वर्ष की सेवाकाल पश्चात सेवानिवृत्ति के बाद इनका चयन बतौर सरकारी शिक्षक के रूप में सितारगंज मे हुआ। वहीं यश्विन की माता आशा चंद भी राजकीय इंटर कालेज में शिक्षिका हैं।
इससे पूर्व यश्विन का अपने ननिहाल फागपुर (बनबसा) पहुंचने पर नायब सूबेदार बहादुर चंद (नाना) एवं श्रीमति दमयंती चंद (नानी) सहित अन्य लोगों ने आतिशबाजी के साथ ही पारंपरिक ढ़ोल-दमाऊ के साथ स्वागत किया। बहादुर चंद जो स्वंय भी भारतीय सेना में रह चुके हैं ने बताया कि आज हमारे नाती ने दोनों परिवारों का सिर फक्र से ऊंचा कर दिया है। भगवान से प्रार्थना है कि अपना प्रशिक्षण पूर्ण करने के बाद इसी प्रकार कामयाबी मिलती रहेगी और देश की सेवा करता रहेगा।
यश्विन ठकुरी की इस कामयाबी पर बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुये उसके ताऊ व पत्रकार शमशेर बहादुर बम ने कहा कि भतीजे यश्विन की यह उपलब्धि उसकी कठिन परिश्रम का परिणाम है। आज जब देश का एक युवा वर्ग बहुराष्ट्रीय कंपनियों की ओर आकर्षित हो रहा है ऐसे में यश्विन का देश सेवा के लिये भारतीय सेना में भर्ती होना राष्ट्र भावना को जागृत करता है। उम्मीद है कि उसकी इस उपलब्धि से अन्य युवाओं में भी सेना के प्रति जागरूकता आयेगी फौज में भर्ती होने के लिये प्रेरित होंगे।
हरिद्वार निवासी यश्विन बम के भारतीय सेना मेे बतौर आफिसर्स ट्रेनिंग एकादमी में चयन होने पर गोर्खाली सुधार सभा के केन्द्रीय अध्यक्ष पदम सिंह थापा, वरि-उपाध्यक्ष राजन क्षेत्री, उपाध्यक्ष पूजा सुब्बा चंद, महासचिव गोपाल क्षेत्री, मीडिया प्रभारी प्रभा शाह, दून एक्ससर्विस मैंस लीग अध्यक्ष कर्नल यूएस ठाकुर, वरि.उपाध्यक्ष कर्नल बीएम थापा, देवभूमि पूर्व सैनिक कल्याण समिति अध्यक्ष सूबेदार मेजर दिनेश सकलानी, एनयूजे आई के जिला महामंत्री संदीप रावत, स्वामी रामप्रकाश चैरिटेबल हास्पिटल में मेडिकल डायरेक्टर डात्रसंजय शाह, निदेशक कर्नल डा.प्रवीन कुमार रेड्डी, गोर्खाली सुधार सभा शाखा हरिद्वार अध्यक्ष शमशेर बहादुर बम, उपाध्यक्ष आशीष थापा, सचिव लोकनाथ सुवेदी, संगठन मंत्री भगवान जोशी, मीडिया प्रभारी कमल खड़का, विजय सिंह, ठाकुर सिंह, शेर बहादुर बिष्ट, रामेश्वर प्रसाद अर्याल, पुष्पराज पांडे, दीपक बिष्ट, कृष्ण घिमिरे आदि ने भी बधाई एवं शुभकामनाएं दी।