त्याग, तपस्या और धर्म की प्रतिमूर्ति थे स्वामी सच्चिदानंद महाराज : मदन कौशिक

दीपक मिश्रा 

हरिद्वार, 9 नवंबर। तीर्थनगरी हरिद्वार के उत्तरी क्षेत्र स्थित श्री विशुद्धानंद आश्रम में ब्रह्मलीन स्वामी सच्चिदानंद महाराज की तृतीय पुण्यतिथि श्रद्धा भाव के साथ मनाई गई।
इस अवसर पर नगर विधायक एवं पूर्व कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक ने कहा कि स्वामी सच्चिदानंद महाराज त्याग, तपस्या और धर्म की साक्षात् प्रतिमूर्ति थे जो संत समाज के बीच समन्वय का कार्य करते थे। वे गरीबदासीय परंपरा के प्रतिष्ठित संत थे, उनके नेतृत्व में आश्रम एवं संस्था ने अभूतपूर्व प्रगति की। मदन कौशिक ने आश्रम के वर्तमान महंत स्वामी रामानन्द के प्रति मंगल कामनाएं प्रकट करते हुए संत समाज का आशीर्वाद प्राप्त किया। स्वामी हरिप्रकाश महाराज की अध्यक्षता, स्वामी अमृतानन्द जी महाराज के पावन सानिध्य तथा महंत रविदेव शास्त्री, स्वामी हरिहरनांद के संचालन में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर श्रीमहंत देवानंद सरस्वती, महंत राममुनि, महंत दुर्गादास, महंत सूरज दास, महंत विनोद महाराज, महंत श्याम प्रकाश, लाल माता मंदिर के संचालक भक्त दुर्गादास सहित संत समाज ने ब्रह्मलीन स्वामी सच्चिदानंद महाराज को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
संतजनों का आभार प्रकट करते हुए श्री विशुद्धानंद आश्रम के वर्तमान महंत स्वामी रामानन्द महाराज ने कहा कि ब्रह्मलीन गुरुदेव के पदचिन्हों पर चलकर ही संस्था को प्रगति के पथ पर अग्रसर करना और धर्म संस्कृति का प्रचार-प्रसार ही मेरा लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि गरीब दासीय परम्परा का पालन करते हुए संस्था धार्मिक, सामाजिक गतिविधियों में निरन्तर अग्रसर रहेगी। श्रद्धांजलि सभा में मुख्य रूप से भाजपा नेता अनिरुद्ध भाटी, विकास तिवारी, राजकुमार एडवोकेट, विदित शर्मा, आकाश भाटी, मंडल अध्यक्ष तरुण नैयर, दीपांशु विद्यार्थी, राघव ठाकुर आदि उपस्थित रहे।

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