दीपक मिश्रा
विश्व धरोहर सप्ताह 2024 के समापन समारोह में मुख्य अतिथि रहे गुरुकुल कांगड़ी समविश्वविद्यालय के कुलाधिपति डॉ० सत्यपाल सिंह ने अपने कर कमलो से इतिहास विभाग में उपस्थित सभी प्रोफेसर सहित छात्र-छात्राओं का उत्साह वर्धन किया। धरोहर और विरासत पर अपने विचारों को प्रस्तुत करते हुए बताया कि कांगड़ी स्थित पुण्य भूमि भी प्राचीन इमारत है। 1902 में कांगड़ी ग्राम में पुण्यात्मक श्रद्धानंद जी द्वारा स्थापित गुरुकुल की नींव रखी गई थी।
कुलाधिपति महोदय द्वारा बताया गया की पुण्य भूमि की प्राचीन इमारत को पुनर्जीवित किया जाएगा। गुरुकुल कांगड़ी का योग विभाग वहीं शुरू होगा। स्वामी श्रद्धानंद शोध संस्थान की शुरूआत वहीं की जाएगी। पुण्य आत्मा श्रद्धानंद जी के जीवन पर विस्तार पूर्वक अपने विचार व्यक्त करते हुए उन्होंने उनके पुत्र इंद्र विद्या वाचस्पति के द्वारा लिखित पुस्तक ‘मेरे पिता’ स्वामी श्रद्धानंद को पढ़ने का सुझाव दिया। अपनी विचारधारा का मूल वेदों को मानते हुए उन्होंने कहा, भारतीय संस्कृति का विकास प्राचीन ग्रंथो से हुआ है।
तत्पश्चात गुरुकुल कांगड़ी की कुलपति महोदया हेमलता के. ने भी अपने विचारों को व्यक्त किया। तत्पश्चात प्रभात कुमार ने अतिथियों के सम्मान में छात्रों द्वारा पटका भेंट करवाया। उसके बाद प्रो० देवेंद्र गुप्ता जी ने अतिथियों को बीते 6 दिन की जानकारी देते हुए विश्व धरोहर सप्ताह की संक्षिप्त व्याख्या की।
तत्पश्चात कार्यक्रम में मुख्य भूमिका निभाने वाले छात्रों को बीते 6 दिन का अनुभव व्यक्त करने का मौका दिया गया। इसी श्रृंखला में छात्र अमन चौधरी ने विश्व धरोहर सप्ताह के अंतर्गत अपनी जानकारी देते हुए अपने गुरुजनों को भी अपनी धरोहर बताया तथा पुण्य आत्मा स्वामी श्रद्धानंद जी की मसाल में इतिहास विभाग को देसी घी बताया। उसके बाद मानसी भार्गव ने अपने इस श्रृंखला में अपने विचार को व्यक्त करते हुए कुलाधिपति महोदय की मौजूदगी को विभाग में नए कार्यक्रम की शुरुआत बताया। अपने उद्बोधन में मानसी भार्गव ने बताया कि इतिहास के छात्र-छात्राओं का पुरातत्व में निम्न रुचि रहती थी। परंतु इस कार्यक्रम के माध्यम से न केवल इतिहास विभाग के छात्रों के अंदर अपितु अन्य विभाग के छात्रों के भी अंदर पुरातत्व को लेकर रुचि जागृत हुई है। धरोहर को बचाने एवं पुनर्स्थापित करने की महत्वाकांक्षा इस राष्ट्र को सर्वश्रेष्ठ बना सकती है।
पूरे सप्ताह में हुई प्रतिस्पर्धा में विजई हुए छात्र छात्रों को पुरस्कृत करते हुए प्रोत्साहन पुरस्कार भी दिया गया। प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता में लेखराज प्रथम स्थान पर रहे। रंगोली में नैंसी प्रथम स्थान पर रही।
मंच का संचालन डॉ० हिमांशु पंडित द्वारा किया गया जिनका टेक्निकल सहयोग अनुराग ने दिया। इस पूरे समारोह में प्रो० प्रभात कुमार, प्रो० देवेंद्र कुमार गुप्ता, डॉ० दिलीप कुशवाहा, डॉ० दीपा गुप्ता, डॉ० रेखा सिंह, डॉ० प्राची रंग, दीपक, भानु प्रताप डंगवाल, आंचल, चंचल, विकास, सुनील कुमार आदि की महत्वपूर्ण भूमिका रही।