दीपक मिश्रा
हरिद्वार, 1 जनवरी। कनखल सन्यास रोड स्थित बापेश्वर धाम के परमाध्यक्ष महंत़ मधुसूदन गिरी महाराज ने दौरान श्रद्धालु भक्तों को संबोधित करते हुए कहा कि सनातन धर्म संस्कृति विश्व की सबसे महान संस्कृति है। सनातन धर्म के महान मनीषियों और विचारकों ने हमेशा पूरी दुनिया को मार्गदर्शन दिया है। पाश्चात्य संस्कृति के दुष्प्रभावों के चलते पूरे विश्व के लोग सनातन धर्म को अपना रहे हैं। सनातन धर्म संस्कृति में अनेक पर्व मनाए जाते हैं और प्रत्येक पर्व समाज को सार्थक संदेश प्रदान करता है। महंत मधुसूदन गिरी ने युवाओं से आह्वान करते हुए कहा कि पाश्चात्य संस्कृति के पीछे दौड़ने के बजाए सनातन धर्म संस्कृति को अपनाएं। माता पिता और गुरूजनों का आदर करें। जो व्यक्ति माता पिता और गुरूजनों का आदर करते हैं। उन पर ईश्वरीय कृपा सदैव बनी रहती है। माता पिता और गुरूजनों के आशीर्वाद से जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में सफलता प्राप्त होती है। उन्होंने कहा कि माता पिता का भी दायित्व है कि अपने बच्चों को सनातन संस्कृति के अनुरूप संस्कार दें। घर में प्रतिदिन श्रीमद्भागवत गीता और रामायण का पाठ करें। सात्विक आहार अपनाएं। सात्विक आहार करने से शरीर स्वस्थ होता है और रोगों से भी बचाव होता है। महंत मधुसूदन गिरी महाराज ने भक्तों को गंगा स्वच्छता की प्रेरणा देते हुए कहा कि मानव कल्याण के लिए प्रथ्वी पर अवतरित हुई गंगा प्रतिदिन दर्शन देने वाली साक्षात देवी हैं। गंगा का जल अमृत के समान है। गंगा जल में स्नान, आचमन और गंगा जल के दर्शन मात्र से ही कल्याण हो जाता है। इसलिए प्रत्येक सनातनी का कर्तव्य है कि गंगा को निर्मल, अविरल और प्रदूषण मुक्त रखने में अपना योगदान दे। सभी मिलकर प्रयास करेंगे तो गंगा कभी प्रदूषित नहीं होगी और सदा निर्मल बहते हुए मानव कल्याण करती रहेंगी।