नगर आयुक्त से मिलने पहुंचे पार्षदों और नगर आयुक्त के बीच जमकर विवाद हो गया।

दीपक मिश्रा

 

नगर निगम से हटाए गए आउटसोर्स कर्मचारियों को लगाने की मांग को लेकर नगर आयुक्त से मिलने पहुंचे पार्षदों और नगर आयुक्त के बीच जमकर विवाद हो गया। विवाद इतना गहराया कि नगर आयुक्त के साथ भीड़ ने धक्कामुक्की तक कर दी। सारा विवाद उस वक्त शुरु हुआ जब नगर आयुक्त के सुरक्षा कर्मी द्वारा वार्ता करने के बाद कक्ष से बाहर निकल रहे जनप्रतिनिधि कक्ष हाथ पकड़कर एकतरफ कर दिया। उसके बाद वहां मौजूद सफाई कर्मचारियों ने हंगामा कर दिया और सुरक्षा कर्मी को घेर लिया। सुरक्षा कर्मी के बचाव में आये नगर आयुक्त के साथ भी भीड़ ने धक्का मुक्की की।
नगर निगम के अपर रोड क्षेत्र में सफाई का काम करने वाली कंपनी ने करीब पचास सफाई कर्मचारियों को काम से निकाल दिया था। जबकि कंपनी ने उनके दो माह के वेतन का भुगतान भी नहीं किया। हटाए गये सफाई कर्मचारियों को रखवाने की मांग को लेकर कांग्रेस के पार्षद राजीव भार्गव, महानगर कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष अमन गर्ग, पूर्व पार्षद कन्हैया खेवड़िया, श्रमिक नेता मुरली मनोहर, युवा कांग्रेसी नेता तुषार कपिल नगर आयुक्त से वार्ता करने पहुंचे थे। इस दौरान नगर आयुक्त ने सफाई कर्मचारियों को कमरे से बाहर जाने की बात कहते हुए वहां मौजूद कर्मचारियों से उन्हें बाहर निकालने के निर्देश दे दिए। जबकि पूर्व पार्षद कन्हैया ने इसका विरोध करते हुए वहीं रुकने को कहा। नगर आयुक्त जिलाधिकारी की मीटिंग में जाने की बात कहकर बाहर अपने कार्यालय से बाहर जाने लगे। पूर्व पार्षद कन्हैया खेवड़िया का आरोप है कि इस दौरान नगर आयुक्त के सुरक्षा कर्मी ने पहले उनके साथ आये एक कर्मचारी को धक्का दिया उसके बाद उन्हें भी सुरक्षा कर्मी ने धक्का दे दिया। उसके बाद गुस्साए कर्मचारियों ने हंगामा किया। इस दौरान हो सकता हो किसी कर्मचारी का हाथ नगर आयुक्त को लग गया हो।

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