दीपक मिश्रा
हरिद्वार-19 अगस्त शिक्षा तथा संस्कृति का समन्वय विद्यार्थी के जीवन मे विशेष स्थान रखते है। शिक्षा जहां विनय प्रदान करने के लिए जरूरी है वही संस्कृति जीवन के मूल्य तथा आदर्शो का निर्वहन करना सीखाती है। विद्यार्थी के जीवन मे दोनो का होना अनिवार्य है। गुरूकुल कांगडी विश्वविद्यालय के पूर्व डीन प्रो0 आर0के0एस0 डागर ने शिवालिक हाइट्स जूनियर हाई स्कूल रावली महदूद, शिवालिक नगर के प्रांगण मे सांस्कृति कार्यक्रम के आयोजन के अवसर पर व्यक्त किये। उन्होने कहॉ कि ऐसे आयोजनों के माध्यम से विद्यार्थी का सर्वागींण विकास एवं अपनी संस्कृति से परिचित होने का अवसर प्राप्त होता है। सांस्कृति कार्यक्रम मे प्ले ग्रुप के बच्चों ने रंग-बिरंगी डेªस से सबका मन मोह लिया। कविता पाठ, डांस, प्रेजेन्टेशन मे आराध्या प्रथम, रिया ने दूसरा तथा आयुषी ने तीसरा स्थान प्राप्त किया। स्कूल प्राचार्या श्रीमती सरोजबाला ने कहॉ कि इन आयोजनों का मूल उददेश्य विद्यार्थी मे आत्मबल बढाने तथा शिक्षा के साथ अन्य गतिविधियों मे भी अवसर प्रदान करते हुये चहुमुखी विकास करना है। कार्यक्रम का संचालन अनीता शुक्ला ने तथा काजल वर्मा, अनीता शर्मा, रीना, नैंसी सोनकर, उर्वशी काला ने बच्चों को प्रस्तुति के लिए तैयार किया। कार्यक्रम मे सभी विद्यार्थीयों को पुरस्कार प्रदान किये गये। वन्दे मातरम गीत एवं राष्ट्रगान के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।