ज्ञान व भक्ति का सागर है श्रीमद्भागवत कथा-स्वामी रविदेव शास्त्री

दीपक मिश्रा 

हरिद्वार, 20 नवम्बर। रेलवे रोड़ स्थित श्री गरीबदासीय आश्रम में आयोजित सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा के तीसरे दिन श्रद्धालु भक्तों को भागवत की महिमा से अवगत कराते हुए कथा व्यास स्वामी रविदेव शास्त्री महाराज ने कहा कि भक्ति से किसी भी लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है। श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान व भक्ति का अपार सागर है। संतों के सानिध्य में कथा श्रवण करने और कथा से मिले ज्ञान को आचारण में धारण करने से कल्याण का मार्ग प्रशस्त होता है। स्वामी रविदेव शास्त्री ने कहा कि श्रीमद्भागवत कथा के श्रवण और मनन से जीवन पूरी तरह बदल जाता है। सभी वेदों का सार श्रीमद्भागवत कथा के श्रवण का अवसर बड़े ही सौभाग्य से प्राप्त होता है। साक्षात भगवान की वाणी श्रीमद्भागवत कथा का श्रवण करने के लिए देवता भी लालायित रहते हैं। वे श्रद्धालु धन्य हैं, जिन्हें श्रीमद्भागवत कथा के आयोजन व श्रवण का अवसर प्राप्त होता है। उन्होंने कहा कि श्रीमद्भागवत कथा कल्पवृक्ष की भांति हैं। जिससे सभी इच्छाओं का पूरा किया जाता है। कथा के दौरान स्वामी रविदेव शास्त्री का अवतरण दिवस भी मनाया गया। महामंडलेश्वर स्वामी रामेश्वरानंद सरस्वती, स्वामी ऋषिश्वरानंद, गौ गंगा धाम सेवा ट्रस्ट के अध्यक्ष स्वामी निर्मलदास, स्वामी हरिहरानंद, स्वामी दिनेश दास, महंत राघवेंद्र दास, महंत गोविंददास, महंत कपिल मुनि, स्वामी शांतानंद, संत लक्ष्मण गौतम, महंत सूरज दास, महंत रघुवीर दास, डा.पदम प्रसाद सुवेदी, कथा के मुख्य जजमान नवीन भाई, श्रीमती उर्मिला बेन, डा.संजय वर्मा व कथा श्रवण कर रहे श्रद्धालुओं ने पुष्पवर्षा कर स्वामी रविदेव शास्त्री को अवतरण दिवस की शुभकामनाएं देते हुए उनके उज्जवल भविष्य की कामना की।
फोटो नं.1-कथा के दौरान

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