गांधी शांति पुरस्कार की घोषणा का विधायक रवि बहादुर ने विरोध किया।

दीपक मिश्रा

 

संस्कृति मंत्रालय द्वारा गीता प्रेस गोरखपुर को 2021 के लिए गांधी शांति पुरस्कार की घोषणा का विधायक रवि बहादुर ने विरोध किया। प्रेस को जारी बयान में उन्होंने कहा कि समिति का फैसला बहुत गलत है। जिस संस्थान के संस्थापक दलित और अंबेडकर विरोधी रहे हो उसे गांधी शांति पुरस्कार कैसे दे सकते हो। सिर्फ आध्यात्म की किताबें छापने से कुछ नहीं होता स्वयं के अंदर हर धर्म, जाति, वर्ग के प्रति सौहाद्र भी होना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस संस्थान को उक्त पुरस्कार देना राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को पुरस्कार देने के बराबर है। गांधी शांति पुरस्कार महात्मा गांधी के विचारो को मानने वाले उनको अनुसरण करने वालो, गांधीवादी विचारधारा में विश्वास करने वाले को देना चाहिए। कांग्रेस बलिदानों की पार्टी है और देश में जो भी गलत कार्य होगा उसका विरोध किया जायेगा। उक्त पुरस्कार को देने से सरकार की दलित विरोधी मानसिकता साफ नजर आ रही।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *