दीपक मिश्रा
हरिद्वार, 15 ज ुलाई। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद एवं मां मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्रीमहंत रविन्द्र पुरी महाराज ने कहा कि श्रावण मास भगवान भोले शंकर की आराधना का पर्व है। शिवरात्रि पर जलाभिषेक का विशेष महत्व है। भगवान भोले शंकर भक्तों का हमेशा कल्याण करते हैं। श्रावण में उनकी आराधना करने से मनवांछित फल की प्राप्ति होती है। शिवरात्रि पर चरण पादुका स्थित श्री मंशेश्वर महादेव मंदिर में श्रीमहंत रविंद्र पुरी महाराज और आरएसएस क्षेत्रीय प्रचार प्रमुख पदम सिंह ने जलाभिषेक किया और भगवान शिव से बाढ़ पीड़ितों के लिए प्रार्थना की। इस दौरान श्रद्धालु भक्तों को श्रावण मास में भगवान शिव की उपासना और जलाभिषेक की महिमा के बारे में जानकारी देते हुए श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने कहा कि देवों के देव महादेव भगवान शंकर जन जन के आराध्य हैं। शिवरात्रि भगवान शिव की आराधना का सबसे बड़ा पर्व है। श्रावण मास में भगवान शिव की आराधना करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। उन्होंने कहा कि रुद्र भगवान शिव का ही प्रचंड रूप हैं। शुक्ल यजुर्वेद के रूद्राष्टाध्यायी मंत्रों का पाठ करते हुए पंचामृत से शिवलिंग पर अभिषेक करने से महादेव प्रसन्न होते हैं। शिव कृपा से सभी ग्रह बाधाएं और समस्याएं दूर हो जाती हैं। उन्होंने बताया कि सावन में रुद्राभिषेक करना सबसे अधिक फलदायी है। रुद्राभिषेक करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं और रुद्राभिषेक कष्टों व ग्रहों की पीड़ा दूर करने का सबसे उत्तम उपाय है। उन्होंने कहा कि महादेव शिव भक्तों को पूरे वर्ष फल प्रदान करते हैं। लेकिन श्रावण में की गई उनकी आराधना विशेष फलदायी होती है। आरएसएस के क्षेत्रीय प्रचार प्रमुख पदम सिंह ने कहा कि संतों के सानिध्य में श्रावण मास में भगवान शिव की उपासना और जलाभिषेक करने से कष्ट दूर होते हैं और सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है।